चंद्र ग्रहण 5 जुलाई 2020 को लगने जा रहा है. यह चंद्र ग्रहण उपछाया ग्रहण है.
यानि इसमें सूतक काल नहीं लगेगा. लेकिन कुछ नियमों का पालन करना होगा
लखनऊ / उत्तर प्रदेश (रघुनाथ प्रसाद शास्त्री) : चंद्र ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में शुभ घटना के तौर पर नहीं देखा जाता है.। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के समय चंद्रमा बुरी तरह से पीड़ित हो जाते हैं।यानि चंद्रमा की शक्ति कमजोर हो जाती है।वहीं ग्रहण के दौरान कई ऐसी ऊर्जा उत्पन्न होती है जो धरती पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।मनुष्यों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। इसलिए ग्रहण के समय विशेष सावधानी और नियमों का पालन करना चाहिए.
ज्योतिष के जानकार रघुनाथ प्रसाद शास्त्री ने बताया किया कि भारत में नहीं दिखाई देगा चंद्र ग्रहण उपछाया होने के कारण 5 जुलाई को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए इस चंद्र ग्रहण से पूर्व लगने वाला सूतक काल मान्य नहीं होगा।उपछाया चन्द्रग्रहण के दौरान सूरज और चंद्रमा के बीच जब पृथ्वी घूमते हुए आती है, तो यह तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते हैं। इस स्थिति में चंद्रमा की छोटी सी सतह पर ‘अंब्र’ नहीं पड़ती है. ‘अंब्र’ पृथ्वी के बीच से पड़ने वाली छाया को कहा जाता है. चंद्रमा के शेष हिस्से में पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया पड़ती है।इस कारण ही इसे उपछाया कहा जाता है।
चंद्र ग्रहण का समय
चंद्र ग्रहण आरंभ:प्रात:08:38
परमग्रास चन्द्र ग्रहण: प्रात:09:59
चंद्र ग्रहण समाप्त: प्रात: 11:21 प्रात:
ग्रहण अवधि: 02 घण्टे 43 मिनट 24 सेकेंड
इन देशों में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
05 जुलाई को लगने जा रहा चंद्र ग्रहण दक्षिण एशिया के कुछ स्थान, अमेरिका, यूरोप और अस्ट्रेलिया में दिखाई देगा.
चंद्र ग्रहण के समय न करें यह गलती
सूतक काल मान्य न होने के बाद भी शुभ कार्य करने से बचें. ग्रहण के समय विशेषकर गर्भवती महिलाएं नियमों का पालन करें. ग्रहण के समय घर बाहर निकलें, भोजन और पूजा करने से बचें. ग्रहण के समय भगवान स्मरण करना चाहिए. ग्रहण समाप्त होने के बाद घर की सफाई करें और स्नान करने के बाद ही भोजन ग्रहण करें.
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