चारधाम यात्रा में थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क पहनना, शोसियल डिस्टेंसिंग, सेनिटाईजेशन अनिवार्य
कोरोना के लक्षण पाये जाने पर तीर्थयात्री की मौके पर संबंधित जिला प्रशासन/ स्वास्थ्य विभाग द्वारा चारधाम यात्रा में तीर्थ यात्री का कोरोना आरटी पीसीआर टेस्ट लिया जा सकेगा तथा संपर्क में आये लोगों की पहचान की जायेगी।
हेली सेवा से चारधाम यात्रा आने वाले तीर्थयात्रियों के कोरोना जांच की जिम्मेदारी संबंधित हेली कंपनियों की रहेगी।
चारधाम यात्रा दर्शन हेतु तीर्थ यात्रियों की संख्या पहले की तरह सीमित रहेगी।
देहरादून/ ऋषिकेश । उत्तराखंड प्रदेश में बाहरी प्रदेशों से आनेवाले पर्यटकों हेतु इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च ( आईसीएमआर) प्रमाणित लैब से प्रमाणित कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता शासन द्वारा विगत दिनों समाप्त कर दी गयी है। इसी क्रम में उत्तराखंड चारधाम यात्रा हेतु भी कोविड- 19 निगेटिव आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट की की जरूरत नहीं होगी।
अब उत्तराखंड प्रदेश के बाहर के निवासी बिना कोरोना रिपोर्ट के देवस्थानम् बोर्ड की वेबसाइट पर चार धाम यात्रा हेतु ई-पास हेतु पहचान पत्र ( आईडी) एवं निवास प्रमाण के आधार पर पंजीकरण कर सकते तथा बेरोकटोक यात्रा पर आ सकते हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत तथा पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल जी महाराज ने कहा कि तीर्थ यात्रियों को यात्रा में रियायत दिये जाने से चारधाम यात्रा को गति मिलेगी।
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देवस्थान म् बोर्ड ने इस दौरान कोरोना बचाव के मानकों का पालन करने की सलाह दी है। तीर्थयात्रियों को मंदिरों में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी, शोसियल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जायेगा, मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा तथा सेनिटाईजर का यथासंभव प्रयोग होगा। सोमवार देर शाम उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड द्वारा इस संबंध में मानक प्रचालन विधि(एसओपी) जारी की गयी तथा आदेश जारी किये गये हैं।
आयुक्त गढ़वाल /उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने आदेश जारी करते हुए बताया कि अब उत्तराखंड से बाहर के प्रदेशों से चारधाम आनेवाले तीर्थयात्रियों हेतु कोरोना की आरटी पीसीआर, 72 घंटे पहले जांच की निगेटिव रिपोर्ट तथा क्वारंटीन अवधि के मानक की अनिवार्यता अब समाप्त हो गयी है। तीर्थ यात्री देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.badrinath-Kedarnath.gov.in पर बिना कोरोना रिपोर्ट के ई-पास बना सकते है।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा हेतु आईसीएमआर प्रमाणित कोरोना निगैटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता समाप्त की गयी है लेकिन स्वास्थ्य मानकों में कोई ढ़ील नहीं रहेगी मंदिरों में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग सहित शोसियल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है, मास्क पहनना तथा सेनिटाइजर का प्रयोग भी अनिवार्य है। कोरोना के लक्षण पाये जाने पर संबंधित जिला प्रशासन / स्वास्थ्य विभाग द्वारा आरटीपीसीआर/ रेपिड एंटीजन/ ट्रुरेंटा/ सीबीएएनएएटी कोरोना टेस्ट लिया जा सकेगा साथ ही परिजनों एवं संपर्क में रहे लोगों का कोरोना टेस्ट लिया जायेगा ताकि बचाव के उपायों को प्रभावी ढ़ग से लागू किया जा सके।
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हेली सेवा से चारधाम यात्रा पर आनेवाले तीर्थयात्रियों के कोरोना जांच की जिम्मेदारी संबंधित हेलीकंपनियों की होगी हेली पेड पर थर्मल स्क्रीनिंग आदि की पूर्ण ब्यवस्था करनी अनिवार्य होगी। बताया कि उपरोक्त दिशानिर्देश उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा जारी मानक प्रचालन विधि ( एसओपी) के अतिरिक्त होंगे। तथा चार धाम आनेवाले तीर्थ यात्रियों की संख्या पूर्ववत रहेगी श्री बदरीनाथ हेतु 1200, श्री केदारनाथ हेतु 800, श्री गंगोत्री हेतु 600 तथा श्री यमुनोत्री हेतु 450 यात्री प्रतिदिन दर्शन की अनुमति रहेगी।
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह ने जानकारी दी कि देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट से बिना कोरोना रिपोर्ट जमा किये ई -पास जारी करने हेतु निर्देश दिये गये है। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि अभी तक देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट से 62 हजार लोग ई पास बना चुके है तथा 35 हजार से अधिक तीर्थयात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं।
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