चमोली । पंच केदारों में से चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुलने की प्रक्रिया गोपीनाथ मंदिर में शुरु हो गई है। गुरूवार को गोपीनाथ मंदिर में प्रातःकालीन पूजा अर्चना के बाद भगवान रुद्रनाथ की विहग्र मूर्ति को गर्भ गृह से परिसर में लाया गया। यहां आगामी दो दिनों तक भगवान रुद्रनाथ की पूजा अर्चना की जाएगी। पूजा अर्चना के दौरान शारीरिक दूरी के नियमों को कडाई से पालन करवाया जा रहा है।
रुद्रनाथ मंदिर के कपाट आगामी 18 मई को शुभ मुहूर्त में मंदिर के कपाट ग्रीष्म काल के लिये खोल दिये जाएंगे। गुरूवार को गोपीनाथ मंदिर में पूजा अर्चना के बाद भगवान रुद्रनाथ की विग्रह मूर्ति को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ मंदिर परिसर में रखी गई है। यहां दो दिनों तक मंदिर परिसर में भगवान रुद्रनाथ की पूजा अर्चना की जाएगी।
वहीं गुरूवार को रुद्रनाथ कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरु होने के मौके पर दिल्ली के शिव भक्त दिनेश कनोडिया की ओर से भेंट की गई चांदी की विग्रह मूर्ती की प्राण प्रतिष्ठा व अभिषेक पूजा भी की गई। यह मूर्ति अब भगवान रुद्रनाथ की चल विग्रह डोली पर सुशोभित होगी। मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान मध्याहन में भगवान रुद्रनाथ की पूजा अर्चना कर बालभोग लगाया गया।
रुद्रनाथ के मुख्य पुजारी पंडित प्रयागदत्त भट्ट ने बताया कि विहग्र मूर्ति की आगामी शनिवार तक गोपीनाथ मंदिर परिसर में पूजा अर्चना की जाएगी। जिसके पश्चात रविवार को भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली गोपेश्वर मंदिर से प्रस्थान कर पनार बुग्याल रात्रि प्रवास के लिये पहुंचेगी। जिसके बाद यहां से मंगलवार को तडके प्रस्थान करे रुद्रनाथ मंदिर पहुंचकर यहां मंदिर के कपाट विधि विधान से ग्रीष्मकाल के लिये खोल दिये जाएंगे। इस मौके पर पंडित महादेव प्रसाद भट्ट, अनसूया प्रसाद भट्ट, हरीश भट्ट, अमित रावत और मयंक तिवारी आदि मौजदू थे।
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