हेमकुंड (चमोली)। जो बोले सो निहाल के उद्घोष के साथ सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट शुक्रवार को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये गये है। पहले दिन दो सो से अधिक श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब में मत्था टेका। खुशगवार मौसम के बीच श्रद्धालुओं ने पवित्र दंडी पुष्करणी अमृत सरोवर में आस्था की डुबकी भी लगायी। वहीं हेमकुंड स्थित लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी खोल दिये गये है।
सादगी और धार्मिक श्रद्धा के साथ लोकपाल और हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये गए। हेमकुंड साहिब के लिए तड़के तीन बजे गोविंद धाम घांघरिया से श्रद्धालुओं की पहली संगत श्री लोकपाल हेमकुंड साहिब के आस्था पथ के लिए रवाना हुई। जो लोकपाल महाराज और गुरु महाराज के जयकारे लगाते हुए पांच किलोमीटर की पैदल दुर्गम चढ़ाई के बाद धाम पहुंचा। पहले दिन लगभग दो सौ श्रद्धालुओं ने सादगी के दरबार साहिब में मत्था टेक देश को खुशहाली और कोरोना मुक्त करने की दुआ मांगी। श्रद्धालुओं ने पवित्र दंडी पुष्करणी सरोवर में आस्था की डुबकी लगाई। हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने के बाद मुख्य ग्रंथी ने साल की पहली गुरु अरदास पढ़ी। अरदास के बाद सुखमणि साहिब का पाठ हुआ। जिसके साथ ही हेमकुंड साहिब के कपाट आम लोगों के लिए खोल दिये गये है। दरबार साहिब में गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब में मत्था टेका।
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