जोशीमठ / चमोली । बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री इस बार तप्त कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे। कोरोना संक्रमण के चलते निर्धारित तिथि के परिवर्तन और सीमित लोगों की मौजूदगी में धाम के कपाट खुलने के बाद अब यह एक नया तथ्य धाम के इतिहास से जुड़ जायेगा। हालांकि प्रशासन की ओर से यहां स्नान के लिये अन्य व्यवस्था बनाने की बात कही जा रही है।
बता दें कि बदरीनाथ धाम में मंदिर के ठीक नीचे स्थित गर्म जल के दो कुंड स्थित हैं। जिन्हें सुविधा के अनुसार महिला और पुरुषों के लिये अलग-अलग बनाया गया है। ऐसे में बदरीनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री सदियों भगवान बदरीनाथ के दर्शनों से पूर्व इन कुंडों में स्नान अवश्य करते हैं। कुंड में स्नान को लेकर जहां धार्मिक मान्याताओं में महत्वपूर्ण बताया गया है। वहीं गंधक के पर्वत से होकर बहने से गर्म हुए इस जल के स्नान से चर्म रोगों की निदान की बात विज्ञान के मतावलम्बी भी मानते हैं। लेकिन इस वर्ष देश और दुनिया में कोरोना संक्रमण के चलते यहां तप्त कुंडों को खाली रखा गया है। वहीं यात्रा शुरु होने पर भी शारीरिक दूरी बनाये रखने के लिये स्नान की अनुमति न देने की बात कही जा रही है। हालांकि प्रशासन की ओर से तप्त कुंड की धाराओं बाल्टियों की व्यवस्था कर स्नान की व्यवस्था बनाई जा रही है। लेकिन ऐसे में महिला तीर्थयात्रियों के स्नान को लेकर खासी दिक्कतें होंगी।
क्या कहते है अधिकारी
बदरीनाथ धाम की यात्रा को लेकर जिलाधिकारी की अध्यक्षा में सोमवार को बैठक आयोजित की गई है। जिसमें यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की जाएगी। हालांकि सभी व्यवस्थाओं को शारीरिक दूरी को ध्यान में रखते ही लागू किया जाएगा।
अनिल चन्याल, उपजिलाधिकारी जोशीमठ।
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