बिहार के पूर्वी चंपारण में दुनिया का सबसे बड़ा रामायण मंदिर बनने जा रहा है, जो कंबोडिया के अंगकोरवाट के मंदिर से भी बड़ा होगा. इसके लिए एक मुस्लिम परिवार ने अपनी 2.5 करोड़ रुपये कीमत की जमीन दान देकर सांप्रदायिक सौहार्द्र की एक मिसाल पेश की है. पूर्व आईपीएस और पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख आचार्य किशोर कुणाल ने इसके बारे में जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि दुनिया के सबसे बड़े रामायण मंदिर के लिए अपनी बेशकीमती जमीन को दान करने वाले इश्तियाक खान पूर्वी चंपारण के ही रहने वाले हैं और इस समय वे असम के गुवाहाटी में रहकर अपना कारोबार चलाते हैं.
किशोर कुणाल ने बताया कि करीब 500 करोड़ रुपये की लागत से पूर्वी चंपारण में ये दुनिया का सबसे विशाल रामायण मंदिर 150 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा. इसके लिए ट्रस्ट ने 125 एकड़ जमीन हासिल कर ली है और बाकी 25 एकड़ जमीन भी जल्द ही मिल जाएगी. किशोर कुणाल ने कहा कि इश्तियाक खान की जमीन ऐसी जगह पर मौजूद थी जिसके बगैर मंदिर का निर्माण करना संभव नहीं हो सकता था. इसके बाद इश्तयाक खान ने मंदिर के लिए अपनी जमीन को दान करने का फैसला किया और पूर्वी चंपारण आकर सभी जरूरी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करके अपनी जमीन की रजिस्ट्री महावीर मंदिर ट्रस्ट के नाम से कर दी.
किशोर कुणाल ने बताया कि पूर्वी चंपारण में बनने वाला विशाल रामायण मंदिर कंबोडिया में 12वीं सदी में बने अंगकोरवाट के मंदिर से बड़ा होगा. यहां पर ऊंचे-ऊंचे शिखरों वाले कुल 18 मंदिरों को बनाने की योजना है. इसके साथ ही यहां पर दिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग भी स्थापित किया जाएगा. इन मंदिरों को बनाने के लिए महावीर मंदिर ट्रस्ट ने नई संसद भवन के निर्माण के काम में लगे वास्तुकारों के साथ संपर्क किया है. इसके वास्तुकार जल्द ही मंदिर के एक अंतिम डिजाइन को तैयार करेंगे और उसके बाद निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा. किशोर कुणाल ने बताया कि पूर्वी चंपारण में बनने वाले विशाल रामायण मंदिर की ऊंचाई 270 फीट होगी. जबकि इसकी लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट होगी.