नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। हमले में शामिल एक प्रमुख आतंकवादी, हाशिम मूसा, के तार पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) से जुड़े हैं। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। हालांकि, भारतीय सेना या सरकार की ओर से अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
पाकिस्तानी सेना का पूर्व पैरा कमांडो
जांच एजेंसियों के अनुसार, हाशिम मूसा पाकिस्तानी सेना के स्पेशल फोर्सेज का पूर्व पैरा कमांडो है, जो अब लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम कर रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मूसा को पाकिस्तान के SSG ने विशेष प्रशिक्षण दिया था, ताकि वह जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय नागरिकों, पर्यटकों, और सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर दहशत फैला सके।
दहशत और अस्थिरता
जांचकर्ताओं का कहना है कि मूसा को भारतीय और विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ सुरक्षाकर्मियों को टारगेट करने का जिम्मा सौंपा गया था। पहलगाम के बायसरन में हुए इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें ज्यादातर पर्यटक थे। प्रारंभिक जांच में तीन आतंकवादियों के स्केच जारी किए गए थे, जिनमें से मूसा की पहचान पक्की हो चुकी है। अधिकारियों का दावा है कि लश्कर-ए-तैयबा को पाकिस्तानी स्पेशल फोर्सेज से “लोन” पर समर्थन मिला है।
लश्कर और पाकिस्तानी सेना का गठजोड़
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाशिम मूसा को SSG ने जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता फैलाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया था। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तानी सेना के बीच गहरे गठजोड़ का सबूत माना जा रहा है। जांच में यह भी सामने आया है कि हमले में पांच से सात आतंकवादी शामिल थे, जिनमें से दो स्थानीय आतंकियों ने भी सहायता की।
भारत की कार्रवाई और जांच
हमले के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को जांच सौंपी गई है। सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिए हैं, जिसमें पांच AK-47 राइफल, गोला-बारूद, और अन्य हथियार बरामद किए गए। इसके अलावा, हमले से जुड़े संदिग्ध आतंकियों के घरों को ध्वस्त किया गया है।


