हालात को संभालने के लिए सेना और असम राइफल्स की टीमों को लगाया गया है, जिन्होंने अब तक इंफाल ईस्ट से 8000 लोगों को सुरक्षित निकाला है। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर मुख्य सचिव पीके सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ स्थिति का जायजा लिया। कांगला नोंगपोक थोंग, लैरिक्येंगबाम लेइकाई और सिंगजामेई ब्रिज जैसे क्षेत्रों में उन्होंने मौके पर जाकर स्थिति को देखा।
प्रशासन के मुताबिक, राज्य के 3275 गांवों या इलाकों में बाढ़ और बारिश का असर हुआ है। अब तक 12 भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं, 64 जानवरों की मौत हुई है और 2 लोग घायल हुए हैं। खासतौर पर चेकोन क्षेत्र में इंफाल नदी के उफान के चलते ऑल इंडिया रेडियो इंफाल और जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान (JNIMS) जैसे अहम संस्थानों के परिसर भी जलभराव की चपेट में हैं।
उधर, उत्तरी सिक्किम में भी भूस्खलन और मूसलधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। मुख्य सड़कों के बंद हो जाने से करीब 1500 पर्यटक फंसे हुए हैं। गुरुवार को मंगन जिले के लाचेन-लाचुंग हाईवे पर मुनसिथांग के पास एक वाहन 1000 फीट गहरी खाई में गिर गया, जिसमें 1 व्यक्ति की मौत और 2 अन्य घायल हो गए। इस हादसे में 8 पर्यटक लापता हैं और भारी बारिश के कारण राहत अभियान में बाधा आ रही है। मणिपुर और सिक्किम, दोनों ही राज्यों में प्रशासन हालात से निपटने में जुटा है, लेकिन लगातार बारिश और भू-स्खलन राहत कार्यों में बड़ी चुनौती बने हुए हैं।


