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जानें शेरों Lions के बारें में महत्वपूर्ण जानकारी एवं रोचक तथ्य ………

लेखक : नरेन्द्र सिंह चौधरी, भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. इनके द्वारा वन एवं वन्यजीव के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किये हैं.

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posted on : अगस्त 11, 2025 3:27 अपराह्न

देहरादून : विश्व के वनों में शेर Lion की सिर्फ़ दो उप-प्रजातियाँ विद्यमान हैं : अफ़्रीकी शेर (पैंथेरा लियो लियो) और एशियाई शेर (पैंथेरा लियो पर्सिका)। शेर सामाजिक प्राणी होते हैं और समूह में रहते हैं, जिसे “प्राइड” कहते हैं। एक प्राइड में आमतौर पर कई मादाएं, कुछ नर और उनके शावक शामिल होते हैं। शेरों के प्राइड में, शिकार का मुख्य कार्य मादाएं करती हैं। वे अपने शिकार को घेर लेती हैं और फिर उस पर हमला करती हैं। मादाओं की चपलता और फुर्ती उन्हें शिकार में माहिर बनाती है। यद्यपि नर शेरों को भी आखेट में सहयोग करते देखा गया है।

  • नर शेर मुख्य रूप से प्राइड की रक्षा करते हैं और अन्य नर शेरों से अपने क्षेत्र (territory) की रक्षा करते हैं। उनकी विशाल अयाल उन्हें अधिक प्रभावशाली और शक्तिशाली दिखाती है, जो प्रतिद्वंद्वी नरों को डराने में मदद करती है।
  • शेर की दहाड़ इतनी ज़ोरदार होती है कि इसे 8 किलोमीटर दूर तक सुना जा सकता है। वे इसका उपयोग अपने क्षेत्र की रक्षा करने, शिकार को प्रभावित करने, और अन्य प्राइडों को संदेश देने के लिए करते हैं।
  • शेर के शावक खेल-खेल में ही लड़ना, दौड़ना, और शिकार करना सीखते हैं। यह उन्हें भविष्य में सफल शिकारी बनने के लिए तैयार करता है।
  • शेर की तेज दृष्टि, शक्तिशाली पंजे, और मजबूत जबड़े उन्हें कुशल शिकारी बनाते हैं। उनके दांत इतने मजबूत होते हैं कि वे आसानी से अपने शिकार की हड्डियों को तोड़ सकते हैं।
  • जंगल में शेरों का जीवनकाल लगभग 10-14 वर्ष होता है। हालांकि, चिड़ियाघरों में वे 20 साल से अधिक जीवित रह जातें हैं।
  • शेर सिर्फ दहाड़ते ही नहीं, बल्कि कई तरह की आवाजें निकालकर और भाषा का इस्तेमाल करके भी संवाद करते हैं। वे गुर्राते हैं, घुरघुराते हैं, और अपनी पूंछ और कानों की स्थिति से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
  • शेर मांसाहारी होते हैं और बड़े शाकाहारी जानवरों जैसे कि जेब्रा, भैंस, हिरण, और वाइल्डबीस्ट का शिकार करते हैं। वे एक दिन में औसतन 7 किलोग्राम तक मांस खा सकते हैं, लेकिन वे कई दिनों तक बिना खाए भी रह सकते हैं।
  • शेरनी साल में किसी भी समय प्रजनन कर सकती है, और गर्भधारण की अवधि लगभग 100 से 110 दिन की होती है। शेरनी एक बार में 2-4 शावकों को जन्म देती है और लगभग दो साल तक उनकी देखभाल करती है। इस दौरान शावक शिकार और जीवित रहने के कौशल सीखते हैं। शेरनी के 6 बच्चे भी देखे गए हैं।
  • जन्म के समय शेरनी के बच्चों की आँखे खुली नही होती हैं, जो 3 सप्ताह बाद देखना प्रारंभ करतें हैं। तब तक इनका जीवन असुरक्षित रहता है।
  • शेर घास के मैदान, सवाना, और खुले जंगलों में रहते हैं। वे ऐसे क्षेत्रों को पसंद करते हैं जहां उन्हें शिकार करने के लिए खुली जगह मिले और छिपने के लिए झाड़ियाँ और पेड़ उपलब्ध हों।
  • शेर घात लगाकर शिकार करते हैं। वे अपने शिकार का पीछा करते हैं और फिर उस पर अचानक हमला करते हैं। शेर अपने शक्तिशाली जबड़ों और पंजों से शिकार को पकड़ते हैं और मार डालते हैं।
  • शेर शिकार के ऊपर भी चढ़ जातें हैं और दूसरे शेर उस प्राणी को चारों तरफ से घेर कर गिराने का प्रयास करतें हैं।
  • शेर की उम्र का अनुमान उसकी अयाल के रंग और आकार से लगाया जा सकता है। युवा शेरों की अयाल हल्के रंग की होती है, जबकि बड़े शेरों की अयाल गहरे रंग की और घनी होती है।
  • शेर एक-दूसरे के साथ खेलते हैं, लड़ते हैं, और संवारते हैं। ये गतिविधियां उनके सामाजिक बंधन को मजबूत करती हैं और उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करती हैं।
  • शेरों की संख्या में कमी आ रही है और वे अब कई क्षेत्रों में विलुप्त होने के कगार पर हैं। उनके आवास का नष्ट होना, अवैध शिकार, और मानव-वन्यजीव संघर्ष इसके प्रमुख कारण हैं। शेरों के संरक्षण के लिए कई अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय संगठन काम कर रहे हैं, जो उनके आवास की रक्षा, अवैध शिकार को रोकने, और जन जागरूकता बढ़ाने में लगे हैं।
  • एशियाई शेर भारत के केवल गुजरात के गिर वनों में ही पाये जातें हैं। इनकी संख्या इतनी कम हो गयी थी कि इनके विलुप्त होने का ख़तरा हो गया था। बाद में एक प्रोजेक्ट के तहत इनका संरक्षण करके इन्हें बचाया जा सका है।
  • शेर कई संस्कृतियों में एक महत्वपूर्ण प्रतीक हैं। वे अक्सर शक्ति, साहस, और राजसीपन से जोड़े जाते हैं। शेरों को कई देशों के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में भी उपयोग किया जाता है। जैसे सिंगापुर, नाइजीरिया आदि।
  • शेरों की मूंछें बेहद संवेदनशील होती हैं और उन्हें रात में शिकार करने और अपने आस-पास के वातावरण को समझने में मदद करती हैं।
  • हर शेर के पंजे के निशान अद्वितीय होते हैं, ठीक वैसे ही जैसे मनुष्यों के फिंगरप्रिंट।
  • शेर तेज़ दौड़ सकते हैं, लेकिन उतने तेज नहीं। टाइगर और चीता उनसे कहीं अधिक तेज दौड़ सकता है।
  • शेर दिन में आलसी होते हैं और ज़्यादातर समय आराम करते हुए बिताते हैं, लेकिन रात में वे सक्रिय हो जाते हैं और शिकार की तलाश में निकलते हैं।
  • शेर अच्छे तैराक होते हैं, हालांकि वे ज़्यादातर समय ज़मीन पर ही बिताना पसंद करते हैं। ज़रूरत पड़ने पर वे नदियाँ और झीलें आसानी से पार कर सकते हैं।
  • दुर्भाग्यवश, अफ्रीकी शेरों की आबादी पिछले कुछ दशकों में काफी कम हो गई है और उन्हें 1996 से “असुरक्षित” श्रेणी में रखा गया है।
  • शेर अपने प्राइड के सदस्यों के साथ गहरे सामाजिक बंधन बनाते हैं। वे एक-दूसरे को चाटकर और साथ में समय बिताकर अपने बंधन को मजबूत करते हैं। यह चाटने की क्रिया उन्हें साफ-सुथरा रखने में भी मदद करती है।
  • कई बार शेरों और इंसानों के बीच टकराव हो जाता है, खासकर जब शेर अपने आवास से बाहर निकलकर मवेशियों का शिकार करते हैं। ये टकराव दोनों पक्षों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
  • शेरों की सुनने की क्षमता बहुत तेज होती है, जिससे वे अपने शिकार की गतिविधियों को सुनकर उसका पता लगा सकते हैं। यह उन्हें रात में शिकार करने में भी मदद करता है।
  • शेर अपनी पूंछ की स्थिति से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं। एक सीधी और ऊपर उठी हुई पूंछ आत्मविश्वास को दर्शाती है, जबकि एक नीचे झुकी हुई पूंछ डर या समर्पण का संकेत हो सकती है।
  • शेर की अद्भुत अनुकूलन क्षमता उन्हें विभिन्न प्रकार के आवासों में रहने की अनुमति देती है। वे गर्म रेगिस्तानों से लेकर ठंडे पहाड़ी इलाकों तक में पाए जा सकते हैं। यह उनकी जीवित रहने की क्षमता का एक अद्भुत उदाहरण है।
  • प्रत्येक शेर के बच्चे के शरीर पर अनोखे धब्बे होते हैं, जो उम्र के साथ खतम हो जातें है। बस उनकी नाक के आसपास दिखाई पड़ते हैं।
  • शेरों को अक्सर आक्रामक और खूंखार माना जाता है, लेकिन वे अपने प्राइड के सदस्यों के साथ काफी खुशमिजाज और चंचल भी हो सकते हैं।
  • शेर की गणना में इनकी मूछों का विन्यास सहायक होता है, क्योंकि यह प्रत्येक शेर का पृथक पृथक होता है।
  • अवैध वन्यजीव व्यापार, अवैध शिकार और जलवायु परिवर्तन के रूप में मनुष्य शेरों के अस्तित्व के लिए बहुत बड़ा खतरा पैदा करते हैं। प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN) का अनुमान है कि अफ्रीका में 25,000 से भी कम शेर बचे हैं, और उन्हें विलुप्त होने के खतरे में वर्गीकृत किया गया है।
  • पहले भारत का नेशनल एनिमल शेर ही होता था। 18 नवम्बर 1972 को यह श्रेय बाघ को दिया गया है।
  • शेरों के संरक्षण हेतु आवश्यक है कि गिर वन के अतिरिक्त अन्य सुरक्षित प्राकृतवास का चयन करके शेरों की संख्या में और वृद्धि इस प्रमुख बिल्ली प्रजाति की निरंतरता हेतु आवश्यक है।
  • स्वाहिली एक मूल अफ्रीकी भाषा है जिसका प्रयोग केन्या सहित कई देशों में किया जाता है, और सिम्बा स्वाहिली भाषा में शेर के लिए शब्द है।
  • शेरों को कई तरह के खतरों का सामना करना पड़ता है। आवास के नुकसान और विखंडन से लेकर जलवायु परिवर्तन और उपलब्ध शिकार में कमी तक। इसके अलावा, शेर ट्रॉफी शिकारियों के निशाने पर भी हैं। ट्रॉफी शिकार और डिब्बाबंद शिकार उद्योग के ज़रिए हर साल इंसानों द्वारा शेरों को मार दिया जाता है। दोनों को ही खेल का एक रूप माना जाता है, ट्रॉफी शिकार वह है जहाँ जंगली जानवरों को मारकर उनके शरीर के अंगों को ट्रॉफी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। डिब्बाबंद शिकार जंगली जानवरों (आमतौर पर शेरों) का शिकार होता है जिन्हें एक सीमित क्षेत्र में रखा जाता है जहाँ से वे भाग नहीं सकते।
  • अनुमान है कि दक्षिण अफ्रीका में 8000 बंदी-नस्ल के शेर हैं।
  • बॉर्न फ्री, मेरु के स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर गायों की पीठ पर आँखों के निशान बनाने पर काम कर रहा है ताकि इंसानों और शेरों के बीच संघर्ष कम हो सके। ये आँखों के निशान गायों की रक्षा करते हैं, क्योंकि शेरों का मानना है कि उन्हें पहले ही देख लिया गया है और अब उनमें आश्चर्य का भाव नहीं रहा, यानी अब वे इन जानवरों को निशाना नहीं बनाएँगे।
  • शेर इथोपिया गाम्बिया, केन्या, लीबिया, मोरोक्को, सिएरा लियॉन, टोगो, बेल्जियम, इंग्लैंड, लक्छाम्बर्ग, नीदरलैंड, और नॉर्वे का राष्ट्रीय पशु है।
  • गत गणना के अनुसार भारत में कुल 891 शेर हैं।
  • अकेले तन्जानिया में 14500 शेर हैं।
  • आइये, हम शेरों के संरक्षण हेतु अपना योगदान करें!
  • शुभ विश्व शेर दिवस

लेखक : नरेन्द्र सिंह चौधरी, भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. इनके द्वारा वन एवं वन्यजीव के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किये हैं.

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