कोटद्वार (गौरव गोदियाल): “छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी, नए दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी..। हम हिंदुस्तानी..हम हिंदुस्तानी” यह कहना है राजकीय चिकित्सालय कोटद्वार में तैनात डॉक्टर सुप्रिया घिल्डियाल का।
कोरोना वायरस (Covid 19) ने दुनियाभर में हाहाकार मचा रखा है। इधर, उससे मुकाबले के लिए राजकीय बेस चिकित्सालय की महिला चिकित्सक का हिम्मत व हौसला सातवें आसमान पर है। वे जज्बे से लबालब हैं। दिन-रात “जंग” में जूझ रही हैं। अपनी जान की परवाह नहीं, दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए लड़ रही हैं। उनका आत्मविश्वास ऊंचा है ।
वर्तमान में डॉक्टर सुप्रिया घिल्डियाल ब्लड बैंक व लैब में अपनी सेवाएं दे रही है । सेवाएं देते हुए वह स्वयं भी कोरोना महामारी का शिकार हो चुकी हैं । कोरोना से डॉ. सुप्रिया घिल्डियाल दमदारी से लड़ रही हैं। वह सुबह आठ बजे निकलती है तो फिर काम निपटा कर ही घर जाती है। वह कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की जांच रिपोर्ट तैयार करने में जुटी हुई है ।
डॉक्टर सुप्रिया घिल्डियाल कहती है कि जब एक डॉक्टर मरीजों के बीच जाता है तो वह सब कुछ भूल जाता है। आज उन्हें भी अपने कर्म के आगे कोरोना वायरस के संक्रमण का तनिक भी भय नहीं है। सुबह आठ बजे से लेकर शाम तीन बजे तक मरीजों के बीच रहकर उनकी परेशानी सुनना, उन्हें समझाना, इलाज कराना व आज के समय में कोरोना के प्रति सजग करना यहीं उनका काम रहता है। साथ ही वह मरीजों को हौसला बढ़ाना भी नहीं भूलती हैं। घर से निकलने के बाद वह सब कुछ भूल जाती हैं।



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