बिहार ब्यूरो
पटना । उत्तराखण्ड के धर्म संसद से अल्पसंख्यकों के जनसंहार के आह्वान के जरिये धर्मोन्माद पैदा करने की कोशिशों के खिलाफ आज पटना में भाकपा-माले और एआइपीएफ ने इसके खिलाफ सड़क पर प्रतिवाद किया। सड़कों पर प्रदर्शन करके कहा गया कि गांधी के देश में गोडसे का अभियान नहीं चलने वाला है. देश की जनता इस नफरती अभियान को कभी सहन नहीं करेगी.
पटना के साथ-साथ बेगूसराय, आरा, बेतिया, डुमरांव आदि जगहों पर भी प्रतिवाद मार्च निकाले गए.
पटना में बुद्ध स्मृति पार्क के पास आयोजित विरोध सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह ने कहा कि भाजपा व आरएसएस ही इस तरह के नफरत भरे अभियान की मूल जड़ हैं. यह ताज्जुब की बात है कि संविधान का माखौल उड़ाने वाले और देश की गंगा-जमुनी तहजीब व एकता को तोड़ने वाले ऐसे देशद्रोही ताकतों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जो खुलेआम कत्लेआम का आह्वान कर रहे हैं.
वक्ताओं ने कहा कि देश की जनता गंगा-जमुनी तहजीब के पक्ष में है, और धर्म के नाम पर भड़काए जा रहे उन्माद का मुकम्मल जवाब देगी. मुसलमानों के ख़िलाफ़ खुलेआम नफ़रत भरी बातें करने वाले कट्टर हिन्दुत्ववादी नेता यति नरसिम्हानंद और प्रबोधानंद की तत्काल गिरफ्तारी की मांग आज पूरा भारत कर रहा है. वक्ताओं ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक देश है. इस देश में धर्म के नाम पर जनता को बांटने की साजिश हम कभी कामयाब नहीं होने देंगे.
आज के कार्यक्रम में के डी यादव, शशि यादव,नवीन कुमार, उमेश सिंह, रणविजय कुमार,प्रकाश कुमार, समता राय, नसीम अंसारी, जीतेंद्र कुमार, मुर्तजा अली,
अनय मेहता, संजय यादव,सुधीर कुमार, विनय कुमार, पन्नालाल सिंह, अनुराधा देवी, डॉ. प्रकाश , प्रमोद यादव, विकाश यादव, कुमार दिव्यम, संतोष आर्या, पुनीत पाठक,आसमा खान, अफशा जबीं, फुरकान, अभय पांडेय, मृणाल राज, जीतेंद्र वर्मा आदि शामिल थे.