posted on : जुलाई 22, 2025 3:20 पूर्वाह्न
- जिन मतदाताओं के फार्म प्राप्त नहीं हुए/जो पते पर नहीं मिले – उनकी सूची 12 प्रमुख राजनीतिक दलों को सौंपी गई
- 1 अगस्त से प्रारूप मतदाता सूची में नाम जोड़ने/हटाने/संशोधन के लिए आम जनता से आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी।
पटना/नई दिल्ली : बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां सभी मतदान केंद्रों (Polling Stations – PS) पर मतदाताओं की संख्या 1,200 से कम होगी। बिहार में लंबी कतारों से बचने के लिए 12,817 नए मतदान केंद्र बनाए गए हैं। बिहार एसआईआर आदेश दिनांक 24 जून, 2025 (पृष्ठ 2, बिंदु 6/7 और पृष्ठ 7, बिंदु 2(क)) के अनुसार, पहले प्रत्येक मतदान केंद्र पर 1,500 मतदाताओं की सीमा थी, जिसे घटाकर अब 1,200 किया गया है। इन नए 12,817 मतदान केंद्रों को जोड़ने के बाद, राज्य में कुल मतदान केंद्रों की संख्या 77,895 से बढ़कर 90,712 हो जाएगी। यह बिहार की एक बड़ी उपलब्धि है, जिसे अन्य राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी अपनाएंगे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO), जिला निर्वाचन पदाधिकारी (DEO), निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी (ERO), और बूथ लेवल अधिकारी (BLO) ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की हैं और उन 29.62 लाख मतदाताओं की सूची साझा की है जिनके फार्म अब तक प्राप्त नहीं हुए हैं। इसके अतिरिक्त, लगभग 43.93 लाख मतदाता अपने पते पर नहीं पाए गए हैं – उनकी सूची भी राजनीतिक दलों को दी गई है। सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों से अनुरोध किया गया है कि वे इन बचे हुए मतदाताओं से संपर्क करें, अपने जिला अध्यक्षों और लगभग 1.5 लाख बीएलए (BLA) के माध्यम से। इसका उद्देश्य यह है कि संपूर्ण निर्वाचन प्रणाली, राजनीतिक दलों सहित, मिशन मोड में कार्य करे ताकि कोई भी पात्र मतदाता 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची से वंचित न रह जाए।
1 अगस्त, 2025 से कोई भी आम नागरिक प्रारूप मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन के लिए आपत्तियां दाखिल कर सकता है, जैसा कि एसआईआर आदेश दिनांक 24.06.2025 (पृष्ठ 2/अनुच्छेद 7) में उल्लेखित है।


