पटना : चालू वित्तीय वर्ष में बिहार के 3,417 प्रारंभिक विद्यालयों में बाल वाटिका के लिए केंद्र सरकार ने स्वीकृति दे दी है। प्रत्येक बाल वाटिका पर तीन लाख रुपये खर्च होंगे। इस प्रकार केंद्र से इन बाल वाटिकाओं के लिए कुल 102 करोड़ 51 लाख रुपये बिहार को मिलेंगे। जिन विद्यालयों में बाल वाटिका का निर्माण होगा, वहां आसपास में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं हैं। तीन साल के बच्चों के लिए प्ले स्कूल के रूप में बाल वाटिका संचालित होगी। इस वाटिका में बच्चों को खेल-खेल में शब्द-अक्षर और संख्या आदि का बोध कराया जाएगा। बाल वाटिका में नर्सरी शिक्षा देने के लिए अध्यापकों और आंगनबाड़ी सेविकाओं का प्रशिक्षित होना अनिवार्य है। शिक्षा विभाग के मुताबिक, राज्य के सभी 38 जिलों में बाल वाटिका खुलेगी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत शिक्षा मंत्रालय ने चरणबद्ध ढंग से विद्यालयों में बाल वाटिका और स्मार्ट कक्षा तैयार करने का निर्देश दिया है। जिन आंगनबाड़ी केंद्रों के एक किलोमीटर के दायरे में प्रारंभिक विद्यालय नहीं है, उनमें भी बाल वाटिका खुलेगी। केंद्र सरकार ने स्कूली शिक्षा के लिए समग्र शिक्षा योजना के कार्यकाल को साल 2026 तक विस्तार दिया है। इस पर करीब 2.94 लाख करोड़ रुपये खर्च आएगा। बाल वाटिका में खेलों को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।
हर प्रखंड में एक मॉडल बाल वाटिका
केंद्र सरकार ने हर प्रखंड में एक मॉडल बाल वाटिका खोलने को भी कहा है। प्रत्येक बाल वाटिका पर तीन लाख रुपये खर्च होंगे। बाल वाटिका में तीन साल से छह साल तक के बच्चों को रखा जाएगा। पहले दो साल आंगनबाड़ी केंद्र के होंगे। एक साल बच्चा बाल वाटिका में रहेगा। इसके बाद उसका प्रवेश प्राथमिक विद्यालय की पहली कक्षा में किया जाएगा। बाल वाटिका में बच्चों को खेल-खेल में सिखाने के लिए खिलौने व किट की खरीदारी होगी। इसके साथ ही फर्नीचर भी उपलब्ध कराया जाएगा। रंगीन चित्रों यानी टीएलएम के माध्यम से भी खेल-खेल में सिखाया जाएगा। बाल वाटिका कार्यक्रम को अभिभावकों तक ले जाने के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।