कोटद्वार । नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नम्बर 37 के प्रेमनगर बस्ती में श्रेणी चार की जमीन में निवासरत कई वर्षों से झुग्गी झोपड़ी में निवास कर रहे लोगो पर प्रशासन का बेदखली का डंडा चला । प्रशासन सुबह ही टीम के साथ प्रेमनगर की बस्ती में पहुँची व जिन चार परिवारों के लिए कोर्ट द्वारा बेदखली के आदेश दिये गये थे उनकी झोपडियां तोड़ने लगे । जैसे ही प्रशासन ने झोपड़ियों को तोड़ना शुरु किया तो वहां निवास कर रहे सभी ग्रामीण आग बबूला हो गए। प्रशासन की कार्यवाही को देखते हुए ग्रामीणों का विरोध इस कदर बढ़ गया की एक महिला ने गेस सिलेंडर से स्वयं पर आग लगाने का प्रयास किया जिससे प्रशासन की कार्यवाही और ग्रामीणों में अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए प्रशासन को बेदखली की कार्यवाही रोकनी पड़ी।
स्थानीय पार्षद सुखपाल शाह ने सरकार पर आरोप लगाए हुए कहा कि कोटद्वार में सरकारी जमीनों पर भूमाफियों के द्वारा लगातार कब्जा किया जा रहा है और रातों रात बहुमंजिला इमारते खड़ी कर दी जा रही है। जिसकी शिकायते प्रशासन से कई की जा चुकी है लेकिन शाशन प्रशासन इन भूमाफियों के आगे नतमस्तक है। न्यायालय का डंडा भी गरीब और बेघर लोगो पर ही चल रहा है। झुग्गी झोपड़ियों में रह कर यंहा के लोगो ने कई साल निकाल दिए। लेकिन सरकार की और से इन मजबूर लोगो को पक्के आवास देने के बजाए इनकी झुग्गी झोपड़ियां तोड़ी जा रही है। पीड़ित परिवारों के विरोध को देखते हुए स्वयं तहसीलदार विकास अवस्थी ने मौके पर पँहुच कर बेदखली की कार्यवाही को रोकते हुए जिन चार परिवारों को बेदखल करने के आदेश न्यायालय से हुए है उन्हें पांच अक्टूबर तक का समय दिया है अगर इस दौरान ये कोर्ट से स्टे ले आते है तो बेदखली की कार्यवाही को रोका जा सकता है। नही तो पांच तारीख के बाद इनको बेदख़ल किया जाएगा ।
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