पौड़ी : जनपद गढ़वाल में पशुपालन/दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अभिनव पहल के तहत पशुपालक अपने भविष्य को संवारने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का महत्वकाक्षी योजना के तहत पशुपालन के क्षेत्र में किसानों की आय को दो गुना करने के कार्यो में तेजी लाते हुए, जिलाधिकारी ने जनपद में अपने सूझबूझ से जिला योजना के तहत माॅसएआई/सामूहिक कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम को विकसित करने की कवायद शुरू किया है। क्षेत्र में जन जागरूकता हेतु शिविर के माध्यम से वृहद बछिया प्रदर्शनी का आयोजन कर, उत्कृष्ट बछिया के पशुपालक को पुरस्कृत भी किया जा रहा है। जबकि कृत्रिम गर्भाधान हेतु चयनित गायों को चारा भी मुहैया करा रहे है। जिसके तहत ग्रामीण पशुपालकों ने अपने गायों को उच्च नस्ल की जर्सी से कृत्रिम गर्भाधान कर, अपनी पशुधन को व्यवसायिक स्वरूप देने में जुटी है।
योजना के तहत जिन गायों से पशुपालन प्रतिदिन औसतन तीन किलो दूध प्राप्त करते आ रहे है। उनके बछिया तीन वर्ष गर्भित होकर माॅ बनने पर प्रतिदिन 9 किलो दूध दे सकते है। कृत्रिम गर्भाधान से हुए हर गाय तीन गुना अधिक दूध प्रतिदिन देती है। यही नहीं माॅसएआई/सामूहिक कृत्रिम गर्भाधान से अनावश्यक वचनों से किसानों को राहत मिल सकेंगा। साथ ही आवारा एवं बेसहारा पशुओं की दर्दनाक मौत को भी टाला जा सकेगा। सड़कों पर आवारा नर पशु की दुर्घटनाओं में क्षति एवं जन सामान्य को होने वाली शारीरिक एवं आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए भी कृत्रिम गर्भाधान एक क्रांतिकारी तरीका है। जिलाधिकारी गढ़वाल के मार्गदर्शन में पशुपालन विभाग द्वारा जलागम ग्राम्या के सहयोग से पोखड़ा एवं एकेश्वर विकास खंडों में गायों में बांझपन की समस्या दूर करने के साथ-साथ समूह में नस्ल सुधार करने हेतु महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में माॅसएआई/सामूहिक कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की शुरुआत की गई। जिसमें दोनों विकास खंडों में 2000 गायों में सामूहिक कृत्रिम गर्भाधान का कार्य जर्सी नश्ल से किया गया। उक्त कार्यक्रम की सफलता दर लगभग 42 प्रतिशत रही है, दोनों विकास खंडों में उच्च अनुवांशिक गुणवत्ता युक्त 616 बछिया अभी तक पैदा हो चुकी है एवं 200 से अधिक गाय वर्तमान में गर्भित है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एस. के. बर्तवाल ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर दोनों विकास खंडों की सफलता से प्रेरित होकर सामूहिक कृत्रिम गर्भाधान का विस्तार पूरे जनपद में जिला योजना के अंतर्गत किया जा रहा है। जिसके तहत जनपद के अन्य क्षेत्रों में 1000 से अधिक गायों मे सामूहिक कृत्रिम गर्भाधान किया जा चुका है तथा 1300 से भी अधिक गायों में सामूहिक कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के अंतर्गत नस्ल सुधार कार्य प्रगति पर है। जनपद में राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के अंतर्गत नश्ल सुधार कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें केवल लिंग वर्गीकृत उपयोग करना सुनिश्चित कर पशु पालकों की आय में वृद्धि करने एवं बछड़ो के उत्पादन को रोकना सुनिश्चित करने के लिए जनपद गढ़वाल में एक अनूठी पहल शुरूआत की गई है। जो कि आने वाले समय में अन्य जनपदों में हेतु मार्गदर्शक के रुप में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकता है। जनपद में कृत्रिम गर्भाधान हेतु पशुपालक द्वारा संपर्क किए जाने पर उसे समस्त नस्लों के कृत्रिम गर्भाधान हेतु मात्र रू 100 का भुगतान करना होगा। शेष धनराशि जिला योजना अंतर्गत दिए गए अनुदान से समायोजित की जाएगी।
Discussion about this post