घाट । मां नंदा की बधांण की डोली गुरुवार को परम्परा के अनुसार अपने सिद्धपीठ कुरुड़ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गई है। अगस्त माह में हुई लोकजात के बाद बधांण की मां नंदा छह माह प्रवास के लिये अपने ननिहाल देवराड़ा मंदिर में निवास कर रही थी। माँ नंदा के कुरुड़ मंदिर पहुंचने पर यहां भक्तों ने फूल मालाओं के साथ मां नंदा का स्वागत किया। अब आगामी नंदा लोकजात तक बंधाण व दशोली की माँ नंदा की डोलियों की सिद्धपीठ कुरुड़ में पूजा अर्चना की जाएगी।
बता दें, बीते अगस्त माह में सिद्धपीठ कुरुड़ से प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली माँ नंदा की लोकजात का आयोजन किया गया। जिसके बाद जहां दशोली की मांँ नंदा की डोली की बालापाटा में पूजा अर्चना कर सिद्धपीठ कुरुड़ लौटी। वहीं बधांण की माँ नंदा वेदनी बुग्याल में पूजा अर्चना के बाद अपने ननिहाल देवराड़ा मंदिर में छह माह के प्रवास के लिये पहुंची थी। ऐसे में अब छह माह पूर्ण होने पर बीती 23 दिसम्बर को देवराड़ा मंदिर में पूजा अर्चना के बाद 22 गांवों का भ्रमण कर वीरवार को मांँ नंदा की डोली सिद्धपीठ कुरुड़ मंदिर पहुंच गई है। इससे पूर्व माँ नंदा ने सैंती गांव की लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की जिसके बाद देव डोली कुरुड़ स्थित मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गई है। इस मौके पर मुख्य पुजारी योगेश्वर प्रसाद गौड़, विजय प्रसाद गौड़, मनोहर प्रसाद गौड़, दिनेश प्रसाद गौड़, महिमानंद गौड़ आदि मौजूद थे।