posted on : जनवरी 9, 2022 6:34 अपराह्न
कीर्तिनगर (गौरव गोदियाल): श्रीनगर गढ़वाल के निकट कीर्तिनगर ब्लाक स्थित लोस्तू पट्टी के घंडियालधार में घंटाकर्ण देवता की दस दिवसीय पूर्णकुंभीय जात रविवार को पूजा अर्चना के साथ शुरू हो गई है । 26 गांवों के समूह लोस्तू पट्टी में स्थित पौराणिक घंटाकर्ण सिद्धपीठ मंदिर में हर 12 वर्ष में पूर्ण कुंभीय और 6 वर्ष में अर्द्धकुंभीय जात के तहत देवयात्रा और मेला आयोजित किया जाता है ।मेले के बारह दिनों के दौरान घंटाकर्ण देवता के पौराणिक मंदिर परिसर में चारों प्रहर में यज्ञ एवं पूजाएं की जायेंगी ।
26 गांवों की लोस्तू पट्टी में 18 जातियां निवास करती हैं जो घंटाकर्ण देवता को अपना आराध्य मानती हैं । माना जाता है कि घंटाकर्ण सिद्धपीठ में आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जिस वजह से बड़ी संख्या में देश-विदेश में रहने वाले क्षेत्र से जुड़े लोग अर्द्धकुंभीय व पूर्णकुंभीय जात एवं विकास मेले में अपने परिवार के साथ शिरकत करने आते हैं । घंटाकर्ण देवता मंदिर समिति के अध्यक्ष सत्ते सिंह भंडारी व व्यवस्थापक सरोप सिंह का कहना है कि जिस वर्ष वैशाख माह में हरिद्वार में पूर्ण कुंभ व अर्द्धकुंभ होता है उसी वर्ष पौष माह में घंडियालधार लोस्तु में पूर्ण कुंभीय जात 10 दिन 9 रात्रि की तथा अर्द्धकुंभीय जात 6 दिन और 5 रात्रि की होती हैं । उन्होने बताया कि कोविड गाइडलाइंस के तहत सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए हैं । रविवार को कार्यक्रम की शुरूआत जातयात्रा देवगढ़ी से प्रारंभ हुई इसके बाद खोला गांव में देवी की पूजा अर्चना की गई बाद में पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करने के पश्चात चौंधार में स्व. भरत सिंह के परिजनों द्वारा चाय पानी की व्यवस्था की गई । देर शाम जातयात्रा चौंडा से होते हुए घंडियाल धार पहुंची ।खबर लिखे जाने तक देवता को दुग्ध से स्नान करवाकर आगे के कार्यक्रम जारी थे। इस अवसर पर रामेश्वर सिंह, लक्ष्मण सिंह मेहरा, राजेंद्र सिंह कैंत्युरा, चन्द्र मोहन गोदियाल, उम्मेद सिंह मेहरा सहित बड़ी मात्रा में भक्त लोग मौजूद रहे ।