देहरादून : हरक सिंह रावत। नाम ही ऐसा है कि किसी ना किस कारण से चर्चाओं में जरूर रहते हैं। पिछले कुछ दिनों से हरक कुछ ज्यादा ही चर्चा में हैं। उनकी जब भी चर्चा होती है, वजह भी कुछ अलग होती है। हरक आज से नहीं, सालों से चर्चाओं में रहे हैं। उनको कभी किसी चर्चा से ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। लेकिन, इस बार जो चर्चा हो रही है, वो हरक को जरूर हिला सकती है। हरक का मुकाबला इस बार एक ऐसे विधायक से पड़ा है, जो कभी हार नहीं मानते और राजनीति कलाओं में भी हरक सिंह रावत के तरह ही हथकंडे अपनाने में माहिर हैं।
गुटबाजी और लेटर बम
विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में गुटबाजी और लेटर बम बरस रहे हैं। हरक सिंह रावत पहले तो लैंसडौन DFO को हटाने के कारण चर्चा में रहे। उसके बाद हरक कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं आने के कारण चर्चा में आए। बाद में सरकार ने उनके कोपभवन में जाने के पर उनकी मांग को मान लिया। चर्चा का सिलसिला अभी थमा भी नहीं था कि लैंसडौन से हटाए गए DFO को लेटर सामने आ गया। उसमें उन्होंने हरक पर गंभीर आरोप लगाए थे।
CM को चिट्ठी
इससे पहले कि हरक की ये चर्चा खत्म होती, लैंसडौन विधायक महंत दिलीप रावत ने सीएम को चिट्ठी लिखकर वन विभाग की ओर से उनकी विधानसभा में कराए गए कामों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। सीएम को लिखी चिट्ठी में विधायक ने जांच की मांग की। हालांकि, अब तक जांच के ना तो आदेश हुए हैं और ना उम्मीद है कि आदेश होंगे भी।
एक और लेटर बम फोड़ा
अब विधायक दिलीप रावत ने एक और लेटर बम फोड़ा है। उन्होंने सीएम धामी को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्हांंने हरक पर उनकी विधानसभा की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। साथ ही तीन दिनों के भीतर उनकी मांग नहीं माने जाने पर विधानसभा के सामने आमरण अनशन पर बैठने की चेतावी दी है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।
भूख हड़ताल की चेतावनी
लैंसडौन विधायक महंत दिलीप रावत ने मंत्री हरक सिंह रावत पर उनकी विधानसभा की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए विधानसभा के बाहर भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी है। विधायक ने कालागढ़ टाइगर रिजर्व (केटीआर) का कार्यालय लैंसडौन से संचालित करने और विद्युत वितरण खंड नैनीडांडा में अधिशासी अभियंता की तैनाती करने की मांग उठाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में तीन दिन में मांग पर कार्रवाई न होने पर विधानसभा के समक्ष आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है।
EE की तैनाती नहीं हो पाई
लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हाल ही में गत 28 दिसंबर को भी एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने वन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग उठाई थी। अब उन्होंने फिर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चिट्ठी लिखर है। कहा कि गत 12 दिसंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पटोटिया डांडा डिग्री कालेज में आयोजित कार्यक्रम में कार्यालय का लोकार्पण किया था। लोकार्पण के 20 दिन बाद भी ईई की तैनाती नहीं हो पाई है।
गोलमोल जवाब दिया
उनका आरोप है कि ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक से वार्ता करने पर उनकी ओर से गोलमोल जवाब दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत के दबाव के कारण नियुक्तियां टाली जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में केटीआर का प्रभागीय कार्यालय लैंसडौन से संचालित होता रहा है।
कार्यालय लैंसडौन से शिफ्ट करने की तैयारी
लेकिन, कुछ दिन पूर्व वन मंत्री के दबाव में इसे कोटद्वार शिफ्ट किया जा रहा था, जिसे उनके और स्थानीय जनता के विरोध के कारण रोक दिया गया। बावजूद, केटीआर का कैंप कार्यालय कोटद्वार से ही चलाया जा रहा है। लैंसडौन में केटीआर का प्रभागीय कार्यालय निष्क्रिय पड़ा है। विधायक ने आरोप लगाया कि इसी तरह तीन साल पहले सेवायोजन कार्यालय को भी कोटद्वार शिफ्ट किया जा रहा था। उनके विरोध को देखते हुए बाद में इसे रोका गया। किसी तरह सेवायोजन कार्यालय जयहरीखाल में शिशु मंदिर के भवन में संचालित हो रहा है।