देहरादून : उत्तराखंड की पावन धरती पर एक और नई गढ़वाली फिल्म निर्माण की शुरुआत हो गई है। उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित गढ़वाली फिल्म “घौर एक मंदिर” का शुभ मुहूर्त मंगलवार 30 अक्टूबर को देहरादून के केसरवाला गांव में धूमधाम से संपन्न हुआ। देहरादून के केसरवाला गांव में आयोजित इस समारोह में महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा डॉ. उमाकांतानंद सरस्वती जी महाराज ने पूजा-अर्चना के बीच फिल्म की शूटिंग का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मंत्रोच्चारण और पूजा-अर्चना के बीच फिल्म की शूटिंग का भी शुभारंभ किया गया।
INTELLECT INFRACON LLP. के बैनर तले बन रही इस फिल्म के निर्माता संदीप जिंदल और विनोद कुमार गुप्ता, सह-निर्मात्री स्वीटी वालिया हैं। फिल्म की कथा व निर्देशन प्रमोद शास्त्री ने किया है, जबकि संगीत निर्देशन की जिम्मेदारी अमित वी. कपूर निभा रहे हैं। फिल्म के गीत जसपाल राणा और एस.के. चौहान ने लिखे हैं। पटकथा व संवाद भी एस.के. चौहान द्वारा लिखे गए हैं।
फिल्म में कोरियोग्राफी कानू मुखर्जी, कार्यकारी निर्माता राहुल पांडेय, स्थानीय निर्माता रमेश नौडियाल, और आर्ट डायरेक्टर राजेश नौगाई हैं। प्रमुख कलाकारों में संजू सिलोडी, साक्षी काला, प्रशांत, चेतना मीरा, रमेश रावत, सुमन गौड़, अंशिका, रमेश नौडियाल, गिरिजा सेमवाल, साक्षी रावत सहित अन्य स्थानीय कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
मुहूर्त समारोह में कई फिल्मी और सामाजिक हस्तियां बतौर अतिथि उपस्थित रहीं। इनमें राजीव थपलियाल (अध्यक्ष, ऑल इंडिया बॉडीबिल्डिंग संगठन), जयकृष्ण नौटियाल (पूर्व उपाध्यक्ष, फिल्म विकास परिषद उत्तराखंड), फिल्म विकास परिषद उत्तराखंड से सुरेश भट्ट, सुनील बडूनी, अशोक चौहान, देबू रावत, बी.एस. थापा, अनिल शर्मा (राष्ट्रीय सचिव, किसान मोर्चा) और सूरत सिंह नेगी शामिल रहे।
फिल्म के निर्माता विनोद गुप्ता ने कहा कि उन्हें उत्तराखंड की कला और संस्कृति से गहरा लगाव है। उन्होंने बताया कि “घौर एक मंदिर” के माध्यम से उत्तराखंड की लोक परंपराओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक धरोहर को सिनेमा के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि द्वितीय उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड का आयोजन आगामी 6 दिसंबर 2025 को देहरादून में किया जाएगा।
मुहूर्त अवसर पर महामंडलेश्वर डॉ. उमाकांत सरस्वती जी महाराज ने फिल्म की टीम को आशीर्वाद देते हुए कहा कि “विनोद गुप्ता ने जिस तरह से पिछले 20 वर्षों से भोजपुरी फिल्म अवार्ड का सफल आयोजन किया है, उसी तरह अब उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड भी प्रदेश की भाषा, कला और संस्कृति की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।”
 
 
 
 
 
								
								
															 
			 
                                



