posted on : सितम्बर 26, 2025 5:22 अपराह्न
हरिद्वार : प्रभारी सचिव उत्तराखंड लोक सेवा आयोग अशोक कुमार पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि अन्वेषक कम संगणक एवं सहायक सांख्यिकीय अधिकारी परीक्षा-2023′ के चयन परिणाम दिनांक 18 सितम्बर, 2025 में सहायक सांख्यिकी अधिकारी / सहायक शोध अधिकारी (अर्थ एवं संख्या विभाग, पद कोड-01) के सापेक्ष सफल कतिपय अभ्यर्थियों के कम्प्यूटर संचालन के आधारभूत ज्ञान की परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने/ अनुपस्थित होने के बावजूद उक्त परीक्षा में सफल होने के संबंध में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया जा रहा है, जो कि नितान्त भ्रामक एवं असत्य है। उक्त भ्रामक वक्तव्य द्वारा न केवल आयोग की छवि धूमिल किए जाने का प्रयास किया जा रहा है, अपितु सफल अभ्यर्थियों के परिश्रम से अर्जित परीक्षाफल पर भी प्रश्नचिह्न लगाये जा रहे हैं। इस संबंध में वस्तुस्थिति निम्नवत् है :-
उक्त परीक्षा हेतु दिनांक 07 फरवरी, 2024 को प्रकाशित विज्ञापन में विज्ञापित विभिन्न पदों के संबंध में उल्लिखित अनिवार्य शैक्षिक अर्हता तथा दिनांक 20 जनवरी, 2025 को प्रकाशित विज्ञप्ति / शुद्धिपत्र के अनुसार अन्वेषक कम संगणक (सहकारी समितियों, पद कोड- 06), सांख्यिकीय सहायक (महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, पद कोड-08) एवं अन्वेषक / संगणक (महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, पद कोड-09) पदों हेतु संगत सेवा नियमावलियों के अनुक्रम में कम्प्यूटर संचालन के आधारभूत ज्ञान की अर्हकारी परीक्षा ली गयी थी। यद्यपि अधिकांश अभ्यर्थी उक्त परीक्षा में सम्मिलित हुए थे किन्तु उक्त अर्हकारी परीक्षा में न्यूनतम अंक प्राप्त न करने वाले अभ्यर्थियों को उक्त पदों के सापेक्ष विचारित नहीं किया गया है।
उक्त वीडियो में उल्लिखित अभ्यर्थी यथा मनोज सिंह धामी (अनुक्रमांक 800410), मनोज सिंह (अनुक्रमांक-804117) एवं सत्येन्द्र सिंह (अनुक्रमांक-800386) प्रश्नगत परीक्षा में प्राप्त अंकों एवं अभ्यर्थियों द्वारा पदों हेतु प्रस्तुत वरीयता के आधार पर सहायक सांख्यिकी अधिकारी / सहायक शोध अधिकारी (अर्थ एवं संख्या विभाग) के पद पर चयनित हुए हैं।
सोशल मीडिया पर प्रसारित तथ्यविहीन उक्त वीडियो मात्र सनसनी फैलाने तथा गुमराह करने के उद्देश्य से प्रसारित किया जा रहा है। इस प्रेस नोट के माध्यम से भ्रामक अफवाह फैलाकर अभ्यर्थियों का मनोबल गिराने तथा आयोग की छवि को धूमिल करने वाले व्यक्तियों को सचेत किया जाता है कि उनके द्वारा इस प्रकार भ्रामक तथ्य फैलाने पर आयोग द्वारा उनके विरुद्ध विधिक कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।


