नई दिल्ली: जस्टिस बीआर गवई ने सुप्रीम कोर्ट के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति ने उन्हें शपथ दिलाई। जस्टिस गवई भारत के पहले बौद्ध CJI हैं और आजादी के बाद दलित समुदाय से दूसरे मुख्य न्यायाधीश हैं। उनका कार्यकाल छह महीने का होगा।
जस्टिस गवई के प्रमुख फैसलों में बुलडोजर कार्रवाइयों के खिलाफ सख्त रुख, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, नोटबंदी को बरकरार रखने और अनुसूचित जाति कोटे में उप-वर्गीकरण को मंजूरी जैसे महत्वपूर्ण निर्णय शामिल हैं।
बुलडोजर कार्रवाइयों पर फैसला देते हुए जस्टिस गवई ने आश्रय के अधिकार पर बल दिया। उन्होंने मनमानी तोड़फोड़ की निंदा करते हुए इसे प्राकृतिक न्याय और कानून के शासन के खिलाफ बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्यपालिका को जज, जूरी और जल्लाद की भूमिका नहीं निभानी चाहिए।


