देवाल (चमोली)। चमोली जिले के देवाल विकास खंड का आपदाग्रस्त गांव कुलिंग का सरकार की ओर से विस्थापन दिदिणा तोक में तो किया गया लेकिन सड़क स्वीकृत हुए 16 वर्ष गुजर जाने के बाद भी मोटर सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है। दिदिणा के ग्रामीणों को गांव तक पहुंचने के लिए छह किलोमीटर की पैदल दूरी नापनी पड़ती है।
15 जुलाई 2018 को हुई अतिवृष्टि से कुलिग गांव के नीचे छोर से भूस्खलन से गांव खतरें की जद में आ गया था। वर्ष 2022 में प्रशासन ने गांव के तोक दिदिणा में 60 परिवारों को बसा दिया गया है। दिदिणा जाने के लिए ग्रामीणों को तीन किलोमीटर की चढ़ाई और तीन किलामीटर उतराई के साथ नदी नालों को पार कर आवाजाही करनी पडती है। बच्चे, बूढ़े, बीमार, गर्भवती महिलाओं को इलाज के लिए सड़क तक पहुंचाने के लिए डंडी कंडी का सहारा लेना पड़ता है। ग्रामीणों ने सरकार से मिले साढ़े चार लाख रूपयों से घर तो बना लिए हैं, लेकिन विस्थापित गांव में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं।
ग्राम प्रधान हुकम सिंह बिष्ट ने जिलाधिकारी संदीप तिवारी को भेजें ज्ञापन में कहा है कि वर्ष 2008-09 में साढ़े नौ किलोमीटर स्वीकृत हुई है। सड़क के लिए काटे जाने वाले पेड़ों की क्षतिपूर्ति के लिए पोधरोपण के लिए 12 हेक्टेयर भूमि का चयन किया है, लेकिन अभी तक सड़क की फाइल आगे नहीं बढ़ पा रही है।
ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर गत लोकसभा चुनाव का बहिष्कार का ऐलान किया था। जिस पर क्षेत्रीय विधायक भूपाल राम टम्टा ने छह माह में सड़क निर्माण शुरू करने का आश्वासन दिया था। ग्रामीणों ने इस आश्वासन के बाद चुनाव बहिष्कार वापस लिया और वोट किया। लेकिन 10 माह बीतने के बाद समस्या जस की तस बनी हुई है।
क्या कहते है अधिकारी
कुलिग-दिदिणा नौ किलोमीटर सड़क मार्ग स्वीकृत है। अभी वन भूमि हस्तांतरण की फाइल की प्रक्रिया गतिमान है। जल्द ही सड़क का काम शुरू किया जाएगा।
दिनेश मोहन गुप्ता, ईई, लोनिवि थराली।