posted on : अक्टूबर 25, 2024 9:56 अपराह्न
देहरादून। गंगा- यमुना और बदरी – केदार की धरती में खामोशी के साथ सौर ऊर्जा क्रांति की नींव पड़ चुकी है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के जरिए सैकड़ों लोग अपने सोलर प्लांट सफलता पूर्वक संचालित कर रहे हैं। उत्तराखण्ड में इस समय करीब 600 मेगावाट की सौर ऊर्जा पैदा हो रही है, साथ ही 174 मेगावाट क्षमता के नए सोलर पावर प्लांट का भी आवंटन हो चुका है। प्रदेश में पलायन राकने के साथ ही स्वरोगार के साधन विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार सीएम सौर स्वरोजगार योजना संचालित कर रही है। योजना के तहत एक परिवार का एक व्यक्ति 20, 25, 50, 100 या 200 किलोवॉट का एक सोलर प्लांट लगा सकता है। जिसकी पूरी उत्पादित बिजली यूपीसीएल खरीदता है। इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और उद्योग विभाग की एमएसएमई पॉलिसी के तहत मिलने वाली सभी छूट का लाभ प्रदान किया जा रहा है। सोलर प्लांट के लिए प्रदेश के स्थायी निवासी ही पात्र होते हैं, प्लांट की स्थापना अपनी निजी भूमि के साथ ही लीज की जमीन पर भी की जा सकती है। प्लांट लगाने के लिए सहकारी बैंक के साथ ही अन्य बैंकों के जरिए भी लोन प्रदान किया जा रहा है।