posted on : जुलाई 26, 2021 6:34 अपराह्न
चमोली : नगर पालिका परिषद चमोली-गोपेश्वर अन्तर्गत कतिपय दुकानों एवं आवासों का किराया जमा न करने पर पालिका द्वारा पूर्व में की गई कार्रवाई में आवंटित दुकानों व आवासों को सबलेट पर भी होना पाया गया। उक्त के क्रम में पालिका की समस्त संपत्तियों का भौतिक सत्यापन करने हेतु समिति गठित की गई। जांच समिति ने पालिका की आवंटित परिसंपत्तियों का भौतिक सत्यापन करना शुरू कर दिया है। जिससे वास्तविक व्यवसायियों को ही दुकानें आवंटित की जा सके।
सोमवार को संयुक्त मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी अभिनव शाह एवं संयुक्त मजिस्ट्रेट डॉ. दीपक सैनी के नेतृत्व में जांच टीम ने पालिक के एक छोर से दुकानों का सत्यापन करना शुरू किया गया। इस दौरान पालिका की नवनिर्मित 12 दुकानों का सत्यापन किया गया। जिसमें से एक-दो दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें सबलेट पर पाई गई। जिन लोगों को पूर्व में ये दुकानें आवंटित की गई थी, उन्होंने अपनी दुकानें तीन चार गुना अधिक दाम पर किसी अन्य को किराए पर दे रखी है। आवंटित दुकानों के लाइसेन्स, किराया भुगतान दस्तावेज आदि के ंसंबध में गहनता से जांच करने पर यह खुलासा हुआ। पालिका की समस्त परिसंपत्तियों का भौतिक सत्यापन पूरा करने के बाद जल्द ही समिति अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी।
उल्लेखनीय है कि नगर पालिका परिषद चमोली-गोपेश्वर अन्तर्गत कतिपय दुकान व मकान बिना लाॅटरी या टैंडर प्रक्रिया के आवंटन किए जाने संबधी शिकायती प्रार्थना पत्र पर तथ्यों की जाॅच एवं परीक्षण हेतु जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी चमोली एवं मुख्य कोषाधिकारी की संयुक्त टीम गठित कर जांच करवायी गई। पहली जांच में नगर पालिका परिषद चमोली-गोपेश्वर द्वारा दुकान एवं आवासों का आवंटन को दोषपूर्ण पाया गया था। इसको देखते हुए जिलाधिकारी ने नगर पालिका परिषद गोपेश्वर क्षेत्रान्तर्गत पालिका द्वारा आवंटित समस्त परिसंपत्तियों के भौतिक सत्यापन एवं सत्यापन के समय आवंटित परिसंपत्तियों का मौके पर वास्तविक रूप से काबिज व्यक्ति के संबध में जांच हेतु उप जिलाधिकारी चमोली की अध्यक्षता में 22 जुलाई को जांच समिति गठित की थी। समिति को शीघ्र जांच कर आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए है। इसी क्रम में सोमवार को समिति ने नगर क्षेत्र में आवंटित परिसंपत्तियों का भौतिक सत्यापन शुरू कर दिया है।
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