कर्णप्रयाग / चमोली । कोरोना संकट में कर्णप्रयाग पालिका प्रशासन भी वित्तीय संकट से जूझ रही है। बाजार बंद होने और तमाम गतिविधियां बंद होने के चलते पालिका की बाजार से होने वाली आय ठप पड़ी है। जिससे पालिका में व्यवस्था पर चल रहे करीब 15 कर्मियों को भी मानदेय के लाले पड़े हैं।
नगर पालिका पार्किंग, तहबजारिका, श्रमिक लाईसेंस सहित तमाक कामों से वर्ष भर में करीब 36 लाख का बोर्ड फंड एकत्र करती है। जिसमें से पालिका यात्राकाल के दौरान अतिरिक्त सफाई कर्मियों का मानदेय सहित कार्यालय में रखे गए व्यवस्था के कर्मियों का मानदेय देती है। लेकिन 22 मार्च से हुए लॉकडाउन के चलते बाजार की पूरी गतिविधियां ठप है। जिससे पालिका को अकेले अप्रैल माह में करीब तीन लाख का नुकसान हो चुका है। वहीं मई माह में भी यदि गतिविधियां पूरी तरह शुरू नहीं हुई नुकसान और बढ़ने की संभावना है। नगर पालिका के कर्मियों का कहना है कि यात्रा काल में नियुक्त सफाई कर्मियों और अन्य व्यवस्था के कर्मियों का मानदेय बोर्ड फंड जाता है। पालिका की आय नहीं होने पर दिक्कतें बढ़ सकते हैं।
बोले अधिकारी
नगर पालिका के अधिशासी अभियंता अंकित राणा का कहना है कि मार्च तक मानदेय सभी कर्मियों को दिया जा चुका है। 22 मार्च को जनता कग्र्यू और उसके बाद लॉकडाउन होने से पालिका की आय भी बंद हैं। जिससे अभी अप्रैल माह का मानदेय जारी नहीं किया गया। जल्द ही आय जुटाने के प्रयास किए जाएंगे।
सफाई कर्मियों की लंबी फौज, बावजूद पटरी से उतरी सफाई व्यवस्था
नगर पालिका में सफाई कर्मियों की लंबी चैड़ी फौज है। सफाई निरीक्षक नितिन सती के अनुसार स्थायी और अस्थायी मिलाकर करीब 40 सफाई कर्मी तैनात है। जबकि नगर पालिका का करीब तीस फीसदी ग्रामीण है। बावजूद नगर में सफाई व्यवस्था आए दिन पटरी से उतरती रहती है। हालात यह है कि सार्वजनिक स्थलों पर नियमित रूप से सेनेटाइजेशन भी नहीं हो पा रहा है। स्थानीय डा. एमएम नवानी का कहना है कि इन दिनों भारी संख्या में प्रवासी लौट रहे हैं। जो बाजार में सार्वजनिक स्थानों पर अल्प विश्राम कर रहे हैं। लेकिन नियमित सेनेटाइज न होने से कोरोना संक्रमण की संभावना बनी है।
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