हरिद्वार : हरिद्वार जैसे धार्मिक नगरी में अब फोटोग्राफर दूसरे व्यवसाय को अपना रहे है। हरकी पैड़ी में नजर आये कुच्छेक फोटोग्राफर इस बात को कहते फिरते है। वे बताते हैं कि मोबाईल की क्रान्ति ने यह सब कर दिखाया है। उल्लेखनीय हो कि कभी हरिद्वार स्थित हरकीपैड़ी और अन्य घाटो पर मौजूद फोटोग्राफर लोगो को हाथो-हाथ फोटो देने का काम करते बहुतायात में नजर आते थे। यहां तक कि उनमें इतनी प्रतिस्पर्धा होती थी कि श्रद्धालुओं को अपनी फोटो बहुत ही मामूली कीमत पर उपलब्ध हो जाती थी।
बता दें कि महाकुम्भ में पंहुचे यहां गिने-चुने फोटाग्राफर रोजी-रोटी के लिए तरस गये है। फोटाग्राफर बबलू पाण्डे व परमबीर पाण्डे पिछले 10 वर्षो से हरिद्वार में हरकी पैड़ी स्थित फोटोग्राफर का काम करते हैं। वे इन दिनों फोटो खिंचवाने वालो की स्वयं खोज में पड़े है। वे कहते हैं कि इस व्यवसाय को करने बिहार के पटना से 10 वर्ष पहले यहां आये थे। तब उनका यह व्यवसाय आसमान चूमता था। पिछले पांच वर्षो से इस व्यवसाय ने हरिद्वार ही नही अपितु पूरी दुनियां में एक नई क्रांति लाई है।
इधर अन्य फोटोग्राफरो का कहना है कि तकनीकी में जो परिवर्तन आ रहे है उसका स्वागत करना होगा। कहते हैं कि अन्य और पेशेवर लोगो को भी इस दिशा में आगे बढना होगा। कुल मिलाकार कुम्भ में पंहुचे सभी श्रद्धालु स्वयं की फाटो खिंचने में मस्त है। अर्थात यही कहा जायेगा कि अपने देश के आम लोगो ने भी परिवर्तन की इस तरक्की में कदम से कदम मिलाया है जो महाकुम्भ में देखने को मिल रहा है।