चमोली : जिले के जोशीमठ ब्लाॅक में स्थित चेनाप घाटी में स्थित फूलों का अनोखा संसार समेटे चेनाप घाटी आज भी प्रचार-प्रसार न होने के चलते पर्यटकों की नजरों से दूर है। हांलांकि थैंग गांव के युवाओं के प्रयास के बाद कुछ पर्यटक इस घाटी से रुबरु हुए हैं। वनस्पति विशेषज्ञों के अनुसार घाटी में 315 प्रजाति के पुष्प हैं। ऐसे में घाटी को दूसरी फूलों की घाटी कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। घाटी में हिमालयी फूलों के साथ ही जड़ी-बूटियों का अनुपम संसार हैं। थैंग गांव के स्थानीय निवासी दिलवर सिंह, धर्मेंद्र और प्रदीप सिंह ने का कहना है कि प्रचार-प्रसार न होने से घाटी तक पहुंचने वाले पैदल मार्ग पर जहां यात्री सुविधाओं का अभाव है। वहीं सीमित लोगों तक ही इसकी जानकारी पहुंच सकी है।
कहां है चेनाप घाटी
चमोली जिले के जोशीमठ ब्लाॅक के मुख्यालय के समाने स्थिति सोना शिखर के पर स्थित थैंग से करीब 18 किमी की दूरी पर उच्च हिमालयी क्षेत्र में 13 हजार फीट की ऊचांई पर स्थित है, फूलों की यह दूसरी घाटी चेनाप।
कैसे पहुंचे चेनाप घाटी
ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर जोशीमठ के समीप मारवाड़ी पुल से तीन दिनों की पैदल यात्रा कर चेनाप घाटी पहुंचा जा सकता है। यहां पहुंचने के लिए जोशीमठ से करीब 28 किमी की दूरी तय करनी होती है। जिसमें 10 किमी सड़क मार्ग तथा करीब 18 किमी पैदल दूरी है। ट्रैकिंग के मार्ग में दो पड़ाव हैं। पहले दिन मारवाडी से करीब आठ किमी की दूरी पर स्थित थैंग, दूसरे दिन थैंग गांव से छह किमी की दूरी तय कर धार खर्क तथा तीसरे दिन धार खर्क से चार किमी की दूरी तय कर चेनाप घाटी पहुंचते हैं।
अन्य दर्शनीय स्थल
घाटी में फूलों की विभिन्न प्रजातियां और मीलों फैले बुग्यालों के साथ ही स्वानू और नंदू ताल भी स्थित हैं। जबकि थैंग का ऐतिहासिक राज राजेश्वरी मां नंदा का मंदिर भी दर्शनीय है।