posted on : अप्रैल 10, 2022 4:38 अपराह्न
कोटद्वार । नवरात्र के आखिरी दिन और रामनवमी पर यमुनापार के मंदिरों में भक्तों को भीड़ रही। सुबह होते ही मंदिरों में घंटियों और शंख की गूंज सुनाई देने लगी। कतारबद्ध होकर श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पूजा अर्चना की। पूरे विधि-विधान के साथ पूजा के बाद प्रसाद वितरण किया गया। इसके साथ ही लोगों ने घरों में कंजक भी बैठाई। इसमें कन्याओं को भोग लगाया गया।
मंदिरों के पुजारियों ने बताया कि नवमी के दिन सिद्धिदायिनी मां यानी सिद्धियों को देने वाली सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इनकी आराधना से भक्तों को समस्त सिद्धियां व नवनिधियों की प्राप्ति होती हैं। वसंत नवरात्र की इस नवमी का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है, क्योंकि इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ था। इसीलिए इसे राम नवमी कहा जाता है और इस दिन को भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। मंदिरों में देवी सिद्धिदात्री के साथ भगवान राम की भी पूजा की गई।
शहर के प्रमुख मंदिरों देवी मंदिर, बालाजी मंदिर, श्री सिद्धबली बाबा मंदिर, फलाहारी बाबा मंदिर, संतोषी माता मंदिर सहित दुगड्डा स्थित दुर्गा देवी मंदिर में भक्त बड़ी संख्या में सुबह से जुटे रहे। इन मंदिरों में नवरात्र में विशेष तैयारियां की गई थी। सफाई और साज-सज्जा के साथ विशेष प्रसाद का वितरण किया जा रहा था।