चमोली । चमोली जिले के निजी विद्यालयों की ओर से शासन के आदेशों को खुले आम धत्ता बताया जा रहा है। यहां शासन के आदेशों के बाद भी विद्यालयों की ओर से भारी भरकम फीस जमा करवाने के लिये दबाव बनाया जा रहा है। यही नहीं जिले में कुछ विद्यालयों की ओर से धडल्ले से विद्यालयों किताबें भी बेची जा रही हैं। वहीं शिक्षा विभाग की ओर से शिकायत न मिलने की बात कहकर मामले से अधिकारी पल्ला झाड़ा रहे हैं।
बता दें कि लॉकडाउन के चलते सरकार और शासन की ओर से विद्यालयों का संचालन बंद किया गया है। वहीं ऑन लाइन शिक्षण कार्य कर रहे विद्यालयों को महज ट्यूशन फीस लेने की अनुमति प्रदान की गई है। लेकिन चमोली में विद्यालयों की ओर से शासन के आदेशों को नजर अंदाज कर अभिभावकों पर पूरी फीस भुगतान करने का दबाव बनाया जा रहा है। गोपेश्वर में संचालित एक निजी विद्यालय के अभिभावक ने नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर बताया कि विद्यालय प्रबंधन की ओर से जहां फीस के लिये मैसेज किये जा रहे हैं। वहीं ऑन लाइन फीस भुगतान के लिये दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में राज्य में शासन के आदेशों को लेकर निजी विद्यालय संचालकों की दबंगई का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
क्या कहते है अधिकारी
अभिभावकों की ओर से फीस लेने को लेकर कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। यदि अभिभावक ऐेसे किसी विद्यालय की शिकायत करते हैं। तो मामले में शासन के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी। शासन के आदेशों की अवेहलना पर विद्यालय की मान्यता रद्द किये जाने तक की कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है।
एलएम चमोला, मुख्य शिक्षा अधिकारी, चमोली।
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