संचार के अभाव में 108 सेवा का लाभ भी नहीं मिल पा रहा ग्रामीणों को
06-06-2019 19:20:55
गोपेश्वर/चमोली (जगदीश पोखरियाल)। चमोली जिले की नीति घाटी भारत-तिब्बत सीमा से जुडे होने से सामरिक दृष्टि से अत्याधिक संवेदनशील है, लेकिन घाटी के नीती, बाम्पा, मलारी, गमशाली, फरकिया, महरगांव, कैलाशपुर, द्रोणागिरी सहित एक दर्जन गांवों को स्वास्थ्य सेवा के लिये जहां मलारी में एक स्वास्थ्य उप केंद्र संचालित किया जा रहा है। वहीं बाम्पा में एक राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय संचालित किया जा रहा है। लेकिन चिकित्सालय में भी संसाधनों और कर्मचारियों का अभाव ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं का पूर्ण लाभ नहीं दे पा रहे हैं। ऐेसे में राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की संजीवनी कहे जाने वाले 108 सेवा ग्रामीणों के लिये स्वास्थ्य सेवाओं का दूसरे विकल्प के रुप में है। लेकिन घाटी के गांवों में संचार की सुविधा न होने से राज्य में 2008 से संचालित हो रही 108 सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बाम्पा के ग्राम प्रधान धर्मेंद्र पाल, राजेंद्र सिंह और धीरेंद्र गरोडिया का कहना है कि कई बार शासन-प्रशासन और जन प्रतिनिधियों से क्षेत्र में संचार और स्वास्थ्य की सेवाओं की बेहतर व्यवस्थाओं की मांग की जा चुकी है। लेकिन वर्तमान तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।
क्या कहते है अधिकारी
नीति घाटी में संचार सेवा की बहाली के लिये बीएडीपी के तहत प्रस्ताव भेजा गया है। जिसे लेकर केंद्र सरकार के उच्चाधिकारियों से भी वार्ता की गई है। घाटी के सामरिक महत्व को देखते हुए नीति घाटी में संचार सेवा बहाली के प्रयास किये जा रहे हैं। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को घाटी में उपलब्ध संसाधनों को दुरुस्त रखने के निर्देश दिये गये हैं।
स्वाती एस भदौरिया, जिलाधिकारी, चमोली।